
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: पत्रकारों से उनके स्रोत नहीं पूछ सकती पुलिस
📍 नई दिल्ली। प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतंत्र को मजबूती देने वाला एक बड़ा फैसला सुप्रीम कोर्ट से आया है। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस या कोई अन्य जांच एजेंसी पत्रकारों से उनके समाचार स्रोतों के बारे में पूछताछ नहीं कर सकती। यह फैसला पत्रकारिता जगत के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि हाल के वर्षों में कई मामलों में पत्रकारों पर खबरों के स्रोत उजागर करने का दबाव डाला गया था।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि –
👉 “संविधान का अनुच्छेद 19(1)(a) पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करता है। इसे बिना किसी ठोस कारण के बाधित नहीं किया जा सकता।”
👉 “आजकल यह प्रवृत्ति बढ़ रही है कि पुलिस बिना पर्याप्त सबूतों के पत्रकारों पर मामले दर्ज कर रही है और उनके स्रोतों के बारे में पूछताछ कर रही है। यह प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लंघन है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”
पत्रकारों के लिए राहतभरी खबर
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उन पत्रकारों को बड़ी राहत मिली है, जो सूत्रों के हवाले से संवेदनशील और महत्वपूर्ण खबरें प्रकाशित करते हैं। कई बार सुरक्षा एजेंसियां या पुलिस ऐसे पत्रकारों पर अनावश्यक दबाव बनाती हैं कि वे अपने सूत्रों का खुलासा करें। लेकिन अब इस फैसले के बाद कोई भी पत्रकार बिना डर के अपनी खबरें प्रकाशित कर सकता है।
प्रेस की स्वतंत्रता को मजबूती
इस फैसले को भारतीय लोकतंत्र और मीडिया की स्वतंत्रता के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है। लोकतंत्र में पत्रकारों की भूमिका बेहद अहम होती है, और अगर उन्हें स्वतंत्रता से काम करने नहीं दिया जाएगा, तो निष्पक्ष पत्रकारिता संभव नहीं होगी।
मीडिया संगठनों और पत्रकार संघों ने इस फैसले का स्वागत किया है और इसे “स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए जीत” बताया है। कई वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है।
क्या होगा असर?
✅ अब पुलिस पत्रकारों पर खबरों के स्रोत बताने का दबाव नहीं बना सकेगी।
✅ पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता को मजबूती मिलेगी।
✅ प्रेस की आज़ादी पर अंकुश लगाने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी।
✅ लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी और निष्पक्ष पत्रकारिता को बढ़ावा मिलेगा।
📢 (रिपोर्ट: एलिक सिंह, संपादक, वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज)
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